स्कूल में छुट्टी की घोषणा

एक दिन किसी कारण से स्कूल में
छुट्टी की घोषणा होने के कारण,एक दर्जी का बेटा,
अपने पापा की दुकान पर चला गया ।
वहाँ जाकर वह बड़े ध्यान से अपने पापा को काम करते
हुए देखने लगा ।
उसने देखा कि उसके पापा कैंची से कपड़े को काटते हैं और
कैंची को पैर के पास टांग से दबा कर रख देते हैं ।
फिर सुई से उसको सीते हैं और सीने के बाद सुई
को अपनी टोपी पर लगा लेते हैं ।
जब उसने इसी क्रिया को चार-पाँच बार
देखा तो उससे रहा नहीं गया, तो उसने अपने पापा से
कहा कि वह एक बात उनसे पूछना चाहता है ?
पापा ने कहा-बेटा बोलो क्या पूछना चाहते हो ?
बेटा बोला- पापा मैं बड़ी देर से आपको देख रहा हूं ,
आप जब भी कपड़ा काटते हैं, उसके बाद कैंची को पैर के
नीचे दबा देते हैं, और सुई से कपड़ा सीने के बाद, उसे
टोपी पर लगा लेते हैं, ऐसा क्यों ?
इसका जो उत्तर पापा ने दिया-उन दो पंक्तियाँ में
मानों उसने ज़िन्दगी का सार समझा दिया ।
उत्तर था- ” बेटा, कैंची काटने का काम करती है, और
सुई जोड़ने का काम करती है, और काटने वाले की जगह
हमेशा नीची होती है परन्तु जोड़ने वाले की जगह
हमेशा ऊपर होती है ।
यही कारण है कि मैं सुई को टोपी पर लगाता हूं और
कैंची को पैर के नीचे रखता हूं........!!
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तीन भारतीयों के हाथों में गूगल की कमान

तीन भारतीयों के हाथों में गूगल की कमान

इकनॉमिक टाइम्स | Jul 23, 2014, 09.21AM IST

शैली सिंह, नई दिल्ली
हाल तक निकेश अरोड़ा गूगल के चीफ बिजनेस ऑफिसर और सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले एग्जेक्युटिव थे। अब वह कंपनी छोड़कर जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद 60 अरब डॉलर की दिग्गज ग्लोबल सर्च कंपनी की कमान तीन भारतीय इंजीनियर्स के हाथों में रहेगी।

गूगल को जहां से ताकत मिलती है, वे काम अमित सिंघल, सुंदर पिचाई और श्रीधर रामास्वामी के जिम्मे हैं। ये तीनों सीधे गूगल के को-फाउंडर और सीईओ लैरी पेज को रिपोर्ट करते हैं। वे गूगल के उस ग्रुप का हिस्सा हैं, जिसे एल-टीम यानी 'लैरी की टीम' के नाम से जाना जाता है।

इनोवेशन और नए प्रॉडक्ट्स लाने का काम यही तीन लोग करते हैं और कंपनी के 40,000 एंप्लॉयीज में से ज्यादातर उन्हें रिपोर्ट करते हैं। सिंघल, पिचाई और रामास्वामी भी अरोड़ा की तरह वाइस प्रेजिडेंट हैं। वे गूगल के टॉप 8 एग्जेक्युटिव्स वाले ग्रुप का हिस्सा हैं।

गूगल के ऐड प्रॉडक्ट्स की इंजीनियरिंग रामास्वामी के जिम्मे है। गूगल की कमाई में विज्ञापन का सबसे बड़ा रोल है। सिंघल सर्च ऑपरेशंस हेड करते हैं और वह 'गूगल फेलो' भी हैं। कंपनी में यह खिताब टॉप साइंटिस्ट्स को ही मिलता है। पिचाई कंपनी के मौजूदा 'हॉट बिजनेसेज'- क्रोम, एंड्रॉयड और एप्स चलाते हैं।

उन्हें कभी माइक्रोसॉफ्ट की टॉप पोस्ट का दावेदार माना जाता था। हालांकि इस साल फरवरी में यह पद सत्या नाडेला को मिला। पिचाई को 2013 में ऐंड्रॉयड का जिम्मा सौंपा गया था। ऐंड्रॉयड वह ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिस पर दुनिया के 70 पर्सेंट स्मार्टफोन चलते हैं।

गूगल के फाउंडर लैरी पेज ने ब्लूमबर्ग बिजनसवीक को दिए हालिया इंटरव्यू में कहा था, 'पिचाई को टेक्नॉलजी की जबरदस्त समझ है। नए प्रॉडक्ट्स के बारे में सोचने में उनका जवाब नहीं है। इस तरह का कॉम्बिनेशन बहुत कम लोगों में दिखता है। इसी वजह से वह ग्रेट लीडर हैं।' गूगल यह जानकारी नहीं देती है कि इन तीनों की सैलरी कितनी है और उन्हें कंपनी के कितने स्टॉक्स सैलरी पैकेज के तौर पर दिए गए हैं।

क्या इन तीनों में से कोई एक किसी दिन गूगल का सीईओ बन सकता है? कुछ लोगों का कहना है कि अरोड़ा के मुकाबले इनमें से किसी एक के सीईओ बनने के चांसेज ज्यादा हैं। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के फॉर्मर चेयरमैन रवि वेंकटेशन ने कहा, 'इनोवेशन पर निर्भर किसी प्रॉडक्ट कंपनी को टेक्नॉलजी में महारत रखने वाले बॉस की जरूरत होगी।'

ईएमए पार्टनर्स इंटरनैशनल के मैनेजिंग पार्टनर के सुंदरेशन का कहना है कि गूगल जैसी कंपनियों की रीढ़ टेक्नॉलजी है। इन तीन भारतीयों के पास वह खूबी है, जो उन्हें गूगल का बॉस बना सकती है। अरोड़ा में यह खूबी नहीं थी।