एक बार की बात है।

एक बार की बात है। बहुत से मेंढक जंगल से
जा रहे थे।
वे सभी आपसी बातचीत में कुछ
ज्यादा ही व्यस्त थे। तभी उनमें
से दो मेंढक एक जगह एक गड्ढे में गिर पड़े।
बाकी मेंढकों ने देखा कि उनके दो साथी बहुत
गहरे गड्ढे में गिर
गए हैं।
.
गड्ढा गहरा था और इसलिए
बाकी साथियों को लगा कि अब उन
दोनों का गड्ढे से बाहर
निकल पाना मुश्किल है।
.
साथियों ने गड्ढे में गिरे उन
दो मेंढकों को आवाज लगाकर
कहा कि अब तुम खुद को मरा हुआ मानो।
इतने गहरे गड्ढे से
बाहर निकल पाना असंभव है।
दोनों मेंढकों ने बात को अनसुना कर
दिया और बाहर निकलने
के लिए कूदने लगे।
बाहर झुंड में खड़े मेंढक उनसे चीख कर कहने
लगे कि बाहर निकलने
की कोशिश करना बेकार है। अब तुम बाहर
नहीं आ पाओगे।
थोड़ी देर तक कूदा-फांदी करने के बाद
भी जब गड्ढे से बाहर
नहीं निकल पाए तो एक मेंढक ने आस छोड़
दी और गड्ढे में और
नीचे की तरफ लुढ़क गया। नीचे लुढ़कते
ही वह मर गया।
दूसरे मेंढक ने कोशिश जारी रखी और
अंततः पूरा जोर लगाकर
एक छलांग लगाने के बाद वह गड्ढे से बाहर
आ गया।
जैसे ही दूसरा मेंढक गड्ढे से बाहर
आया तो बाकी मेंढक
साथियों ने उससे पूछा- जब हम तुम्हें कह
रहे थे कि गड्ढे से बाहर
आना संभव नहीं है तो भी तुम छलांग मारते
रहे, क्यों ?
इस पर उस मेंढक ने जवाब दिया- दरअसल
मैं थोड़ा-
सा ऊंचा सुनता हूं और जब मैं छलांग
लगा रहा था तो मुझे
लगा कि आप मेरा हौसला बढ़ा रहे हैं और
इसलिए मैंने कोशिश
जारी रखी और देखिए मैं बाहर आ गया।
सीख : यह कहानी हमें कई बातें कहती है ।
पहली यह कि हमें
हमेशा दूसरों का हौसला बढ़ाने वाली बात
ही कहनी चाहिए ।
दूसरी यह कि जब हमें अपने आप पर
भरोसा हो तो दूसरे क्या कह
रहे हैं इसकी कोई परवाह नहीं करनी चाहिए ।

यदि कबीर जिन्दा होते

यदि कबीर जिन्दा होते तो आजकल के दोहे
यह होते :-
नयी सदी से मिल रही, दर्द
भरी सौगात!
बेटा कहता बाप से, तेरी क्या औकात!!
अब तो अपना खून भी, करने लगा कमाल!
बोझ समझ माँ-बाप को, घर से
रहा निकाल!!
पानी आँखों का मरा, मरी शर्म औ लाज!
कहे बहू अब सास से, घर में मेरा राज!!
भाई भी करता नहीं, भाई पर विश्वास!
बहन पराई हो गयी, साली खासमखास!!
मंदिर में पूजा करें, घर में करें कलेश!
बापू तो बोझा लगे, पत्थर लगे गणेश!!
बचे कहाँ अब शेष हैं, दया, धरम, ईमान!
पत्थर के भगवान हैं, पत्थर दिल इंसान!!
पत्थर के भगवान को, लगते छप्पन भोग!
मर जाते फुटपाथ पर, भूखे, प्यासे लोग!!
फैला है पाखंड का, अन्धकार सब ओर!
पापी करते जागरण, मचा-मचा कर शोर!
पहन मुखौटा धरम का, करते दिन भर
पाप!
भंडारे करते फिरें, घर में भूखा बाप!!

लालबहादुर शास्त्री

किसी गाँव में रहनेवाला एक छोटा लड़काअपने
दोस्तों के साथ
गंगा नदी के पार मेला देखने गया। शाम को वापस
लौटते समय जब
सभी दोस्त नदी किनारे पहुंचे तो लड़के ने नाव के
किराये के लिए
जेब में हाथ डाला। जेब में एक पाई भी नहीं थी।
लड़का वहीं ठहर
गया। उसने अपने दोस्तों से कहा कि वह और
थोड़ी देर
मेला देखेगा। वह नहीं चाहता था कि उसे अपने
दोस्तों से नाव
का किराया लेना पड़े। उसका स्वाभिमान उसे
इसकी अनुमति नहीं दे रहा था।
उसके दोस्त नाव मेंबैठकर नदी पार चले गए। जब
उनकी नाव
आँखों से ओझल हो गई तब लड़के ने अपने कपड़े
उतारकर उन्हें सर
पर लपेट लिया और नदी में उतर गया। उस समय
नदी उफान पर
थी। बड़े-से-बड़ा तैराक भी आधे मील चौड़े पाट को पार
करने
की हिम्मत नहीं कर सकता था। पास खड़े मल्लाहों ने
भी लड़के
को रोकने की कोशिश की।
उस लड़के ने किसी की न सुनी और किसी भी खतरे
की परवाह न
करते हुए वह नदी में तैरने लगा। पानी का बहाव तेज़
था और
नदी भी काफी गहरी थी। रास्ते में एक नाव वाले ने
उसे
अपनी नाव में सवार होने के लिए कहा लेकिन वह
लड़कारुका नहीं,
तैरता गया। कुछ देर बाद वह सकुशल दूसरी ओर पहुँच
गया।
उस लड़के का नाम था ‘लालबहादुर शास्त्री’.

Corporate Culture

दो वर्ष तक नौकरी करने के बाद एक व्यक्ति को समझ में आया कि इन दो सालों में ना कोई प्रमोशन, ना ट्रांसफ़र, ना कोई तनख्वाह वृद्धि, और कम्पनी इस बारे में कुछ नहीं कर रही है.. उसने फ़ैसला किया कि वह HR मैनेजर से मिलेगा और अपनी बात रखेगा... 
लंच टाईम में वह HR मैनेजर से मिला और उसने अपनी समस्या रखी.. HR मैनेजर बोला, मेरे बच्चे तुमने इस कम्पनी में एक दिनभी काम नहीं किया है... कर्मचारी भौंचक्का हो गया और बोला - ऐसा कैसे.. पिछले दो वर्ष से मैं यहाँ काम कर रहा हूँ.. HR मैनेजर बोला - देखो मैं समझाता हूँ...

मैनेजर - एक साल में कितने दिन होते हैं ?

कर्मचारी - 365 या 366

मैनेजर - एक दिन में कितने घंटे होते हैं ?

कर्मचारी - 24 घंटे

मैनेजर - तुम दिन में कितने घंटे काम करते हो ?

कर्मचारी - सुबह 8.00 से शाम 4.00 तक, मतलब आठ घंटे..

मैनेजर - मतलब दिन का कितना भाग तुम काम करते हो ?

कर्मचारी - (हिसाब लगाता है) 24/8= 3 एक तिहाई भाग

मैनेजर - बहुत बढिया..अब साल भर के 366 दिनों का एक-तिहाई कितना होता है ?

कर्मचारी - (???) 366/3 = 122 दिन..

मैनेजर - तुम "वीक-एण्ड" पर काम करते हो ?

कर्मचारी - नहीं

मैनेजर - साल भर में कितने वीक-एण्ड के दिन होते हैं ?

कर्मचारी - 52 शनिवार और 52 रविवार, कुल 104

मैनेजर - बढिया, अब 122 में से 104 गये तो कितने बचे ?

कर्मचारी - 18 दिन

मैनेजर - एक साल में दो सप्ताह की"सिक लीव" मैं तुम्हें देता हूँ, ठीक ?

कर्मचारी - जी

मैनेजर - 18 में से 14 गये,
तो बचे 4 दिन, ठीक ?

कर्मचारी - जी

मैनेजर - क्या तुम मई दिवस पर काम करते हो ?

कर्मचारी - नहीं..

मैनेजर - क्या तुम 15 अगस्त,26 जनवरी और 2 अक्टूबर को काम करते हो ?

कर्मचारी - नहीं..

मैनेजर - जब तुमने एक दिन भी काम नहीं किया, फ़िर किस बात की शिकायत कर रहे हो भाई

This is Corporate Culture..... .!

भारत का हर नागरिक हिन्दू है

"भारत का हर नागरिक हिन्दू है"
यह वाक्य न जाने कितने कार्यक्रमों में दोहराया गया है अनेक राष्ट्रवादियो द्वारा मेरे द्वारा भी किन्तु मोहन भागवत जी ने जब ये बात कही तो सारा मीडिया और तथाकथित बुद्धिजीव व धर्मनिरपेक्ष लोग पिल पड़े क्युकि भागवत जी बड़ी शख्सियत है उनका विरोध करेंगे तो मीडिया में छाने का मौका मिलेगा और राजनीति चमकाने का भी इसलिए लेकर बैठ गए अपना पुराना राग ये सांप्रदायिक बयान है इत्यादि,
फिर करेंगे मुसलमानो सिक्खो ईसाइयो बौद्धो जैनो को कंफ्यूज हम न कहते थे मोदी के आने के बाद भारत हिन्दू राष्ट्र बन जायेगा और लोग लगेंगे लड़ने दंगा फसाद करने,
"मै पूछता हूँ भारत हिन्दू राष्ट्र कब नहीं था? जो मोदी भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाएंगे "
बारहवीं शताब्दी में हज़रत आमिर खुसरो ने घोषणा की "मै हिन्दवी तोता हूँ और हिन्दवी बोलता हूँ"
उस समय भी भारत से जो लोग हज करने अरब जाते थे उन्हें अरबी लोग अल-हिन्दी कहते थे और आज भी भारतीय हज यात्रियों को अरब के लोग अल-हिन्दी ही कहते है।
भाई मेरे हिंदुत्व हमारी सांस्कृतिक पहचान है हमारे राष्ट्र की पहचान है , "हिन्दू" किसी पूजा पद्धति का पर्याय नहीं "हिन्दू" तो मादरे वतन हिंदुस्तान की औलाद होने का पर्याय है,
हिंदुत्व की जड़ से जुड़ने पर ही बनेगा अखंड भारत नहीं तो ओवैसी, अफज़ल गुरु और टी.आर.एस. की सांसद की तरह जिन्नाह की जायज़ औलादे हमारे पाक वतन हिंदुस्तान को तोड़ने की कोशिश करेंगे पर हम ऐसा हरगिज़ नहीं होने देंगे।
हिंदी हैं हम, हिंदी हैं हम, हिंदी हैं हम
वतन है हिंदुस्तान हमारा
मै हिंदुस्तान में रहता हूँ मादरे वतन हिन्द का लाल हूँ इसलिए
"मै हिन्दू हूँ"

एक देशभक्त के नाम

एक देशभक्त के नाम
सचे मन से जरुर पढ़े।।
हैं भारत के हम पहरेदार।
हैं भारत के हम पहरेदार।
भारत के ये देश प्रेम की धारा हैं
दिल कोमल फुल के जेसा
मगर दुश्मन के लिए अंगारा है।
सरहद पर अपनी खड़े खड़े
हम अपना फर्ज निभाते हैं।
देकर जान भी धरती को
भारत का कर्ज चुकाते हैं।
सींच लहू से इस धरती का
चमन हमी ने संवारा हैं।
हम देश भक्त हैं मतवाले
समझे बस प्रेम की बोली हैं।
उनको भी सबक सीखा देते
जो खेले खून की होली हैं।
यही देश प्रेम के जगने से
चमके भारत का सितारा हैं।
हम पहरेदार हैं भारत के
ये देश प्रेम की धारा हैं।
नित लालो ने सर्वस्व त्यागा हैं
लाल लाखो खोकर भी
लाखों की भाग्य विधाता हैं।
ऐसे भी लाल दिए हमने
जिसने यहाँ गंगा को उतारा हैं।
हम पहरेदार हैं भारत के
ये देश प्रेम की धारा हैं।
दिल कोमल फुल के जेसा
मगर दुश्मन के लिए अंगारा हैं।
हैं हम भारत के पहरेदार
हैं हम लाल माँ भारत के
जय हिन्दू राष्ट्र
वंदे मातरम्

एक महिला

एक महिला को मुंबई
में नौकरी मिल गई।
.
वह अकेली ही नौकरी ज्वाइन करने
पहुंची,
वहां कंपनी ने उसे रहने के लिए एक
फ्लैट
भीदे दिया।
.
महिला ने सोचा कि अपने
पति को सूचना दे दूं
ताकि उन्हें चिंता न हो, उसने पति के
लिए
मोबाइल में एसएमएस लिखा परन्तु
गलती से
गलत नंबर पर भेज दिया।
.
जिस आदमी को वह एसएमएस
मिला उसकी पत्नी गुजर गई थी और
वह
अभी-अभी अंतिम संस्कार करके
लौटा था।
.
एसएमएस पढ़ते ही वह आदमी बेहोश
हो गया और उसे अस्पताल में
भर्ती कराना पड़ा।
.
एसएमएस में लिखा था -
.
डियर, मैं सही-सलामत पहुंच गई हूं
और
यहां रहने के लिए अच्छी जगह
भी मिल
गई
है.....
.
आप बिलकुल चिंता मत करना बस
1-2
दो दिन में ही आपको भी बुला लूंगी।
.
.
आपकी पत्नी ........   

कड़वा सत्य

कलयुग मै ऐ केडा बेटा ?

जीवता:माँ-बाप ने रोटी नही देवे. मरिया पछे सुर्मा लाप्सी जीमा वे।

जीवता:माँ-बाप ने पानी नही पावे.मरिया पछे प्याऊ खोलावे।

जीवता:माँ-बाप सु मुंडे नही बोले.मरिया पछे आसुडा बहावे।

जीवता:माँ-बाप ने तीर्थ नही करावे.मरिया पछे गंगा पुष्कर जावे।

जीवता:माँ-बाप रो इलाज नही करावे.मरिया पछे दवाखाना बंधावे।

जीवता:माँ-बाप ने खर्चो नही देवे.मरिया पछे रुपया उड़ावे।

जीवता:माँ-बाप रो मुड़ो नी देकियो.मरिया पछे रोज फोटु माते हार चडावे।

माँ-बाप तो पुजवा लायक चार धाम है इणोरी बददुआ लेईजो मती इणोरो कदई अपमान मती करजो इणोने दुःख मती देइजो अपोरा कारण माँ-बाप मोत नी बुलावे कारण....जेडो बावोला वेडोइज उगेला।

माँ-बाप री सेवा करजो भाइयो.ओ मार्ग है बडोई तप धारी।

दोस्तो इन नवी पीढ़ी रा संस्कार अगर नही सुधारिया तो वे दिन दुर कोनी-जद जानवरो जेडी पाजरा पोल अपोरे वास्ते खुलेला।

एक आदमी

एक आदमी स्कूटर पर बैठ कर पिक्चर हाल
के सामने संता से पूछ बैठा :-
आदमी :- भाईसाहब , स्कूटर स्टैंड कहाँ है ?
संता :- भाईसाब , पहले आप अपना नाम
बताइये ?
आदमी :- रमेश !
संता :- आपके माता पिता क्या करते हैं ?
आदमी :- क्यों ? वैसे भाईसाब मैं , लेट
हो जाऊंगा और पिक्चर शुरू हो जाएगी !
संता :- तो जल्दी बताओ ??
आदमी :- मेरी माँ , एक डॉक्टर हैं और मेरे
पिता जी इंजीनियर हैं ! अब बता दीजिये ?
संता :- आपके नाम कोई जमीन जायजाद
है ?
आदमी :- हाँ , गांव में एक खेत मेरे नाम है ?
प्लीज़ भाईसाब अब बता दीजिये स्कूटर
का स्टैंड कहाँ है ?
संता :- आखिरी सवाल , तुम पढ़े लिखे हो ?
आदमी :- जी हाँ ! मैं, MBA कर रहा हूँ ! अब
बताइये जल्दी से !
संता :- भाईसाब , देखिये
आपकी पारिवारिक
पृष्ठभूमि इतनी अच्छी है , आपके
माता पिता दोनों उच्च शिक्षित हैं , आप
खुद भी इतने पढ़े लिखे हैं , पर मुझे अफ़सोस
है कि आप इतनी सी बात नहीं जानते
कि स्कूटर का स्टैंड उसके नीचे
लगा होता है , एक मेन और एक साइड वाला !
हा हा हा   

एक बार एक किसान की घड़ी

एक बार एक किसान की घड़ी कहीं खो गयी. वैसे तो घडी कीमती नहीं थी पर किसान उससे भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ था और किसी भी तरह उसे वापस पाना चाहता था.

उसने खुद भी घडी खोजने का बहुत प्रयास किया, कभी कमरे में खोजता तो कभी बाड़े तो कभी अनाज के ढेर में ….पर तामाम कोशिशों के बाद भी घड़ी नहीं मिली. उसने निश्चय किया की वो इस काम में बच्चों की मदद लेगा और उसने आवाज लगाई , ” सुनो बच्चों , तुममे से जो कोई भी मेरी खोई घडी खोज देगा उसे मैं १०० रुपये इनाम में दूंगा.”

फिर क्या था , सभी बच्चे जोर-शोर दे इस काम में लगा गए…वे हर जगह की ख़ाक छानने लगे , ऊपर-नीचे , बाहर, आँगन में ..हर जगह…पर घंटो बीत जाने पर भी घडी नहीं मिली.

अब लगभग सभी बच्चे हार मान चुके थे और किसान को भी यही लगा की घड़ी नहीं मिलेगी, तभी एक लड़का उसके पास आया और बोला , ” काका मुझे एक मौका और दीजिये, पर इस बार मैं ये काम अकेले ही करना चाहूँगा.”

किसान का क्या जा रहा था, उसे तो घडी चाहिए थी, उसने तुरंत हाँ कर दी.

लड़का एक-एक कर के घर के कमरों में जाने लगा…और जब वह किसान के शयन कक्ष से निकला तो घड़ी उसके हाथ में थी.

किसान घड़ी देख प्रसन्न हो गया और अचरज से पूछा ,” बेटा, कहाँ थी ये घड़ी , और जहाँ हम सभी असफल हो गए तुमने इसे कैसे ढूंढ निकाला ?”

लड़का बोला,” काका मैंने कुछ नहीं किया बस मैं कमरे में गया और चुप-चाप बैठ गया, और घड़ी की आवाज़ पर ध्यान केन्द्रित करने लगा , कमरे में शांति होने के कारण मुझे घड़ी की टिक-टिक सुनाई दे गयी , जिससे मैंने उसकी दिशा का अंदाजा लगा लिया और आलमारी के पीछे गिरी ये घड़ी खोज निकाली.”

Friends, जिस तरह कमरे की शांति घड़ी ढूढने में मददगार साबित हुई उसी प्रकार मन की शांति हमें life की ज़रूरी चीजें समझने में मददगार होती है . हर दिन हमें अपने लिए थोडा वक़्त निकालना चाहिए , जसमे हम बिलकुल अकेले हों , जिसमे हम शांति से बैठ कर खुद से बात कर सकें और अपने भीतर की आवाज़ को सुन सकें , तभी हम life को और अच्छे ढंग से जी पायेंगे .

शराब के फायदे!

शराब के फायदे!
1. शराब व्यक्ति की नैसर्गिक प्रतिभा को बहार निकलता है| जैसे कोई अच्छा डांसर है लेकिन अपनी शर्म की वजह से लोगो के सामने नहीं नाच पाता, दो घूंट अन्दर जाते ही अपना ऐसा नृत्य पेश करता है कि उसके सामने माइकल जेक्सन भी पानी न मांगे।
ऐसे कई उदहारण आपने शादी-विवाह के अवसर पर शराबियों को नृत्य करते हुए देखा होगा।
कोई नागिन बनकर जमीन में लोटता है,
कोई घूँघट डाल कर महिला नृत्य पस्तुत करता है,
जो शेयर - ओ - शायरी और साहित्यिक बातें सामान्य अवस्था में नहीं की जाती, शराब पीने के बाद कई लोगो को बड़ी बड़ी साहित्यिक बातें शेयर - ओ - शायरी भी करते देखा गया है।
2. शराब व्यक्ति के आत्मविस्वास को कई गुणा बढ़ा देती है।
दो घूंट अन्दर जाते ही चूहे की तरह डरने वाला डरपोक से डरपोक व्यक्ति भी शेर की तरह गुर्राने लगता है।
शराब पीने के बाद कई पतियों को अपनी पत्नी के आगे गुर्रारते हुए देखा गया है।
3. शराब व्यक्ति को प्रकृति के करीब लाता है।
दो घूंट अन्दर जाते ही शराबियो का प्रकृति प्रेम उभर कर सामने आ जाता है कई शराबी शराब का आनंद लेने के बाद ज़मीन, कीचड़, नाली आदि प्राकृतिक जगहों पर विश्राम करते पाए जाते है।
4. शराब व्यक्ति की भाषाई भिन्नता को कम कर देता है जो लोग अंग्रेजी बोलना तो चाहते है लेकिन नहीं बोल पाते, अंग्रेजी बोलने में हिचकिचाहट महसूस करते है दो घूंट अन्दर जाते ही ऐसी धरा प्रवाह अंग्रेजी बोलने लगते है कि बड़े से बड़ा अंग्रेज़ भी शरमा जाये ऐसे कई लोगो से आपका पाला पड़ा होगा।
5. शराब व्यक्ति को दिलदार बनाती है।
कंजूस से कंजूस व्यक्ति भी दो घूंट अन्दर जाते ही किसी सल्तनत के बादशाह की तरह व्यवहार करने लगता है।
ऐसे लोगो के जेब में भले फूटी कौड़ी न हो लेकिन ये लोग ज़माने को खरीदने में पीछे नहीं हटते है।

एक पहलवान

एक बार खूब लंबा-तगड़ा एक पहलवान बस में
चढ़ा।
कंडक्टर: भाई साहब, टिकट?
.
पहलवान: हम टिकट नहीं लेते।
.
कंडक्टर डर के मारे कुछ नहीं कर सका।
लेकिन कंडक्टर ने इस बात को दिल पर ले
लिया।
कंडक्टर जिम जाकर खूब मेहनत करने लगा।
.
पहलवान रोज बस में चढ़ता।
.
कंडक्टर रोज पूछता: भाई साहब,
टिकट?
.
पहलवान रोज जवाब देता: हम टिकट
नहीं लेते।
महीने में कंडक्टर पहलवान की तरह
तगड़ा हो गया।
.
पहलवान फिर बस में चढ़ा।
.
कंडक्टर: भाई, टिकट ले ले।
.
पहलवान: हम टिकट नहीं लेते।
.
कंडक्टर छाती चौड़ी करके बोला:
क्यों नहीं लेता तू ?
.
पहलवान: पास बनवा रखा है,
इसीलिए नहीं लेता।   

डॉक्टर साहब

एक डॉक्टर साहब एक पार्टी में गए।

अपने बीच शहर के एक प्रतिष्ठित डॉक्टर
को पाकर लोगों ने उन्हें घेर लिया।
किसी को जुकाम था तो किसी के पेट में गैस,
इसीलिए सभी मुफ्त की राय लेने के चक्कर
में डॉक्टर के पास पहुंच गए।

शिष्टाचारवश डॉक्टर साहब
किसी को मना नहीं कर पा रहे थे।

उसी पार्टी में शहर के एक नामी वकील
भी आए हुए थे, मौका मिलते ही डॉक्टर
साहब वकील साहब के पास पहुंचे और
उन्हें एक ओर ले जाकर बोले, यार! मैं
तो परेशान हो गया हूं, सभी फ्री में इलाज
कराने के चक्कर में हैं, तुम्हें भी ऐसे लोग
मिलते हैं क्या?

वकील- बहुत मिलते हैं।

डॉक्टर- तो फिर उनसे कैसे निपटते हो?

वकील- बिलकुल सीधा तरीका है, मैं उन्हें
सलाह देता हूं जैसा कि वो चाहते हैं, बाद में
उनके घर बिल भिजवा देता हूं।

यह बात डॉक्टर साहब को कुछ जम गई,
अगले रोज उन्होंने भी पार्टी में मिले कुछ
लोगों के नाम बिल बनाए और उन्हें
भिजवाने ही वाले थे कि तभी उनका नौकर
अन्दर आया और बोला, साहब, कोई आपसे
मिलना चाहता है।

डॉक्टर- कौन है?

नौकर- वकील साहब का चपरासी है,
कहता है कल रात पार्टी में आपने वकील
साहब से जो राय ली थी उसका बिल लाया है 

पिताजी

पिताजी के अचानक आ धमकने से
पत्नी तमतमा उठी- “लगता है, बूढ़े
को पैसों की ज़रूरत आ पड़ी है,
वर्ना यहाँ कौन
आनेवाला था! अपने पेट
का गड्ढ़ा भरता नहीं,
घरवालों का कहाँ से भरोगे?” मैं नज़रें बचाकर
दूसरी ओर देखने लगा। पिताजी नल पर हाथ-
मुँह
धोकर सफ़र की थकान दूर कर रहे थे। इस
बार
मेरा हाथ कुछ ज्यादा ही तंग हो गया। बड़े बेटे
का जूता फट चुका है। वह स्कूल जाते वक्त
रोज
भुनभुनाता है। पत्नी के इलाज केलिए
पूरी दवाइयाँ नहीं खरीदी जा सकीं।
बाबूजी को भी अभी आना था। घर में बोझिल
चुप्पी पसरी हुई थी। खाना खा चुकने पर
पिताजी ने
मुझे पास बैठने का इशारा किया। मैं शंकित
था कि कोई आर्थिक समस्या लेकर आये
होंगे।
पिताजी कुर्सी पर उठ कर बैठ गए। एकदम
बेफिक्र। “सुनो” कहकर उन्होंने मेरा ध्यान
अपनी ओर खींचा। मैं सांस रोकर उनके मुँह
की ओर
देखने लगा। रोम-रोम कान बनकर
अगला वाक्य
सुनने के लिए चौकन्ना था। वे बोले, “खेती के
काम
में घड़ी भर भी फुर्सत नहीं मिलती। इस बखत
काम
का जोर है। रात की गाड़ी से वापस जाऊँगा।
तीन
महीने से तुम्हारी कोई चिट्ठी तक नहीं मिली।
जब
तुम परेशान होते हो, तभी ऐसा करते हो।"
उन्होंने
जेब से सौ-सौ के सौ नोट निकालकर
मेरी तरफ
बढ़ा दिए, “रख लो। तुम्हारे काम आएंगे। धान
की फसल अच्छी हो गई थी। घर में कोई
दिक्कत
नहीं है। तुम बहुत कमजोर लग रहे हो। ढंग से
खाया-पिया करो। बहू का भी ध्यान रखो।" मैं
कुछ
नहीं बोल पाया। शब्द जैसे मेरे हलक में
फंसकर रह
गये हों। मैं कुछ कहता इससे पूर्व
ही पिताजी ने
प्यार से डांटा, “ले लो। बहुत बड़े हो गये
हो क्या?”
“नहीं तो।" मैंने हाथ बढ़ाया। पिताजी ने नोट
मेरी हथेली पर रख दिए। बरसों पहले
पिताजी मुझे
स्कूल भेजने के लिए इसी तरह हथेली पर
अठन्नी टिका देते थे, पर तब मेरी नज़रें आज
की तरह झुकी नहीं होती थीं। दोस्तों एक बात
हमेशा ध्यान रखे माँ बाप अपने बच्चो पर
बोझ
हो सकते हैं... बच्चे उन पर बोझ
कभी नही होते है...

स्कूल में छुट्टी की घोषणा

एक दिन किसी कारण से स्कूल में
छुट्टी की घोषणा होने के कारण,एक दर्जी का बेटा,
अपने पापा की दुकान पर चला गया ।
वहाँ जाकर वह बड़े ध्यान से अपने पापा को काम करते
हुए देखने लगा ।
उसने देखा कि उसके पापा कैंची से कपड़े को काटते हैं और
कैंची को पैर के पास टांग से दबा कर रख देते हैं ।
फिर सुई से उसको सीते हैं और सीने के बाद सुई
को अपनी टोपी पर लगा लेते हैं ।
जब उसने इसी क्रिया को चार-पाँच बार
देखा तो उससे रहा नहीं गया, तो उसने अपने पापा से
कहा कि वह एक बात उनसे पूछना चाहता है ?
पापा ने कहा-बेटा बोलो क्या पूछना चाहते हो ?
बेटा बोला- पापा मैं बड़ी देर से आपको देख रहा हूं ,
आप जब भी कपड़ा काटते हैं, उसके बाद कैंची को पैर के
नीचे दबा देते हैं, और सुई से कपड़ा सीने के बाद, उसे
टोपी पर लगा लेते हैं, ऐसा क्यों ?
इसका जो उत्तर पापा ने दिया-उन दो पंक्तियाँ में
मानों उसने ज़िन्दगी का सार समझा दिया ।
उत्तर था- ” बेटा, कैंची काटने का काम करती है, और
सुई जोड़ने का काम करती है, और काटने वाले की जगह
हमेशा नीची होती है परन्तु जोड़ने वाले की जगह
हमेशा ऊपर होती है ।
यही कारण है कि मैं सुई को टोपी पर लगाता हूं और
कैंची को पैर के नीचे रखता हूं........!!
शेयर जरुर करे दोस्तों ........!!!!

तीन भारतीयों के हाथों में गूगल की कमान

तीन भारतीयों के हाथों में गूगल की कमान

इकनॉमिक टाइम्स | Jul 23, 2014, 09.21AM IST

शैली सिंह, नई दिल्ली
हाल तक निकेश अरोड़ा गूगल के चीफ बिजनेस ऑफिसर और सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले एग्जेक्युटिव थे। अब वह कंपनी छोड़कर जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद 60 अरब डॉलर की दिग्गज ग्लोबल सर्च कंपनी की कमान तीन भारतीय इंजीनियर्स के हाथों में रहेगी।

गूगल को जहां से ताकत मिलती है, वे काम अमित सिंघल, सुंदर पिचाई और श्रीधर रामास्वामी के जिम्मे हैं। ये तीनों सीधे गूगल के को-फाउंडर और सीईओ लैरी पेज को रिपोर्ट करते हैं। वे गूगल के उस ग्रुप का हिस्सा हैं, जिसे एल-टीम यानी 'लैरी की टीम' के नाम से जाना जाता है।

इनोवेशन और नए प्रॉडक्ट्स लाने का काम यही तीन लोग करते हैं और कंपनी के 40,000 एंप्लॉयीज में से ज्यादातर उन्हें रिपोर्ट करते हैं। सिंघल, पिचाई और रामास्वामी भी अरोड़ा की तरह वाइस प्रेजिडेंट हैं। वे गूगल के टॉप 8 एग्जेक्युटिव्स वाले ग्रुप का हिस्सा हैं।

गूगल के ऐड प्रॉडक्ट्स की इंजीनियरिंग रामास्वामी के जिम्मे है। गूगल की कमाई में विज्ञापन का सबसे बड़ा रोल है। सिंघल सर्च ऑपरेशंस हेड करते हैं और वह 'गूगल फेलो' भी हैं। कंपनी में यह खिताब टॉप साइंटिस्ट्स को ही मिलता है। पिचाई कंपनी के मौजूदा 'हॉट बिजनेसेज'- क्रोम, एंड्रॉयड और एप्स चलाते हैं।

उन्हें कभी माइक्रोसॉफ्ट की टॉप पोस्ट का दावेदार माना जाता था। हालांकि इस साल फरवरी में यह पद सत्या नाडेला को मिला। पिचाई को 2013 में ऐंड्रॉयड का जिम्मा सौंपा गया था। ऐंड्रॉयड वह ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिस पर दुनिया के 70 पर्सेंट स्मार्टफोन चलते हैं।

गूगल के फाउंडर लैरी पेज ने ब्लूमबर्ग बिजनसवीक को दिए हालिया इंटरव्यू में कहा था, 'पिचाई को टेक्नॉलजी की जबरदस्त समझ है। नए प्रॉडक्ट्स के बारे में सोचने में उनका जवाब नहीं है। इस तरह का कॉम्बिनेशन बहुत कम लोगों में दिखता है। इसी वजह से वह ग्रेट लीडर हैं।' गूगल यह जानकारी नहीं देती है कि इन तीनों की सैलरी कितनी है और उन्हें कंपनी के कितने स्टॉक्स सैलरी पैकेज के तौर पर दिए गए हैं।

क्या इन तीनों में से कोई एक किसी दिन गूगल का सीईओ बन सकता है? कुछ लोगों का कहना है कि अरोड़ा के मुकाबले इनमें से किसी एक के सीईओ बनने के चांसेज ज्यादा हैं। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के फॉर्मर चेयरमैन रवि वेंकटेशन ने कहा, 'इनोवेशन पर निर्भर किसी प्रॉडक्ट कंपनी को टेक्नॉलजी में महारत रखने वाले बॉस की जरूरत होगी।'

ईएमए पार्टनर्स इंटरनैशनल के मैनेजिंग पार्टनर के सुंदरेशन का कहना है कि गूगल जैसी कंपनियों की रीढ़ टेक्नॉलजी है। इन तीन भारतीयों के पास वह खूबी है, जो उन्हें गूगल का बॉस बना सकती है। अरोड़ा में यह खूबी नहीं थी।

Mr Bean Meets The Queen

Mr Bean Meets The Queen

छोटा सा गाँव

छोटा सा मेरा गाँव पुरा बिग बाजार था
एक नाई एक खाती एक काला लुहार था ।
छोटे छोटे घर हर आदमी बङा दिलदार था
छोटा सा मेरा गाँव पुरा बिग बाजार था ।
कही भी रोटी खा लेते हर घर मे भोजन तैयार
था
बटोङो पर घीया तौरी लग जाती जिसके
आगे शाही पनीर बेकार था ।।
छोटा सा मेरा गाँव पुरा बिग बाजार
था ।।।
दो मिनट की मैगी नही झटपट दलिया तैयार
था ।
नीम की निम्बोली और शहतुत सदाबहार थे
मिट्टी का मटका कसकर बजा लेते
राजु पुरा संगीतकार था ।।
मेरा छोटा सा मेरा गाँव पुरा बिग बाजार
था ।।।
मुलतानी मिट्टी से गांव के जोहङ मे नहा लेते
साबुन और स्विमिंग पूल बेकार था
और फिर कब्बड्डी खेल लेते कौनसा हमारे
क्रिकेट का खुमार था ।।
छोटा सा मेरा गाँव पुरा बिग बाजार
था।।।
बुड्ढे लोगो की बातें सुन लेते
कौनसा टेलीविजन और अखबार थे
सभी एक दुसरे को देखकर राजी थे सभी मे बहुत
प्यार था ।।
छोटा सा मेरा गाँव पुरा बिग बाजार
था ।।।
वो प्यार वो संस्कृति अब मै कहाँ से लाऊ
यह सोच सोच कर मै बहुत परेशान हुं
अगर वही समय आ जाऐ तो बहुत मजा आ जाए
और फिर मै अपनी असली जिंदगी जी पाऊ
और मै फिर ईस धरती पर सौ सौ शीश झुकाऊ
।।।
भारत माता की जय

Some Important Portals & their Founders


1. Google— Larry Page & Sergey Brin
2. Facebook— Mark Zuckerberg
3. Yahoo— David Filo & Jerry Yang
4. Twitter— Jack Dorsey & Dick Costolo
5. Internet— Tim Berners Lee
6. Linkdin— Reid Hoffman, Allen Blue&
Koonstantin Guericke
7. Email— Shiva Ayyadurai
8. Gtalk— Richard Wah kan
9. Whats up— Brian Acton and Jan Koum
10. Hotmail— Sabeer Bhatia
11. Orkut— Buyukkokten
12. Wikipedia— Jimmy Wales
13. You tube— Steve Chen, Chad Hurley &
JawedKarim
14. Rediffmail— Ajit Balakrishnan
15. Nimbuzz— Martin Smink & Evert Jaap
Lugt
16. Myspace— Chris Dewolfe & Tom
Anderson
17. Ibibo— Ashish Kashyap
18. OLX— Alec Oxenford & Fabrice Grinda
19. Skype— Niklas Zennstrom,JanusFriis &
Reid Hoffman
20. Opera— Jon Stephenson von Tetzchner &
Geir lvarsoy
21. Mozilla Firefox— Dave Hyatt & Blake Ross
22. Blogger— Evan Willams..

Evening Refreshment

एक नौजवान ने एक बुजुर्ग से
पूछा :बाबा बताएं जब एक दिन
दुनिया से जाना है तो फिर लोग पैसो के पीछे
क्यों भागते हैं ?.
.
जब जमीन जायदाद जेवर यहीं रह
जाते हैं तो लोग
इनको अपनी जिन्दगी क्यों बनाते हैं ??.
.
जब रिश्ते निभाने
की बारी आती है तो दोस्त
ही दुश्मनी क्यों निभाते
हैं ??.
.
बुजुर्ग ने गौर से तीनों सवाल सुने और
अपनी जेब में हाथ डाला....
.
नौजवान बड़े गौर से सब देख रहा था...फिर
उस बुज़ुर्ग ने
अपनी जेब से माचिस
की डिब्बी निकली....
.
माचिस की डब्बी से तीन
तीलियाँ निकाली.
.
दो तीलियाँ उसने उस लड़के की तरफ
फेंक दी...
एक उसके दायें में और एक बायीं तरफ....
.
और एक तीली को आधा तोड़
कर उपर वाला भाग फेंक दिया...लड़का ये
सब बड़े गौर से देख
रहा था.
.
इसके बाद बाबा ने बची हुई
तीली के नीचे वाले भाग
को नुकीला बनाया...और आसमान
की तरफ देखा....
.
लड़के
की जिज्ञासा बढ़ती जा रही थी...
.
बाबा ने नुकीला हिस्सा अपने मुँह में
डाला और
अपने दांत कुरेदते हुए बोले -.
.
मुझे क्या मालूम उल्लू के पट्ठे...
हा हा हा    

Newton & Sultan Rahi


Once, Newton came to Pakistan and watched a few Lollywood movies that had his head spinning. He was convinced that all his logic and laws in physics were just a huge pile of junk and apologized for everything he had done.

In the movies of Sultan Rahi, Newton was confused to such an extent that he went paranoid. Here are a few scenes

1) Sultan Rahi has a Brain Tumor which, according to the doctors can't be cured and his death is imminent. In one of the fights, our great Sultan Rahi is shot in the head. To everybody's surprise, the bullet passes through his ears taking away the tumor along with it and he is cured!
Long Live Sultan Rahi!

2) In another movie, Sultan Rahi is confronted with 3 gangsters. Sultan Rahi has a gun but unfortunately only one bullet and a knife. Guess, what he does? He throws the knife at the middle gangster? & shoots the bullet towards the knife. The knife cuts the bullet into 2 pieces, which kills both the gangsters on each side of the middle gangster & the knife kills the middle one.

3) Sultan Rahi is chased by a gangster. Sultan Rahi has a revolver but no bullets in it. Guess what he does. Nah? Not even in your remotest imaginations. He waits for the gangster to shoot. As soon as the gangster shoots, Sultan Rahi opens the bullet compartment of his revolver and catches the bullet. Then, he closes the bullet compartment and fires his gun. Bang... the gangster dies...

This was too much for our Newton to take! He was completely shaken and decided to go back. But he happened to see another movie for one last time, and thought that at least one movie would follow his theory of physics. The whole movie goes fine and Newton is happy that all in the world hasn't changed. Oops, not so fast!

The 'climax' finally arrives.

Sultan Rahi gets to know that the villain is on the other side of a very high wall. So high that Sultan Rahi can't jump even if he tries like one of those superman techniques that our heroes normally use. Sultan Rahi has to desperately kill the villain because it's the climax. ( Newton dada is smiling since it is virtually impossible?) Sultan Rahi suddenly pulls two guns from his pockets. He throws one gun in the air and when the gun has reached above the height of the wall, he uses the second gun and shoots at the trigger of the first gun in air. The first gun fires off and the villain is dead.

Newton commits suicide...










आदरणीय Narendra Modi Ji

आदरणीय PM Narendra Modi Ji जब देश कांग्रेस के हाथो बिक रहा था और हम सभी ये मान बैठे थे की अब कुछ नहीं हो सकता. उस समय आपने हममे एक नए आशा का संचार किया.
किसी सूर्य की तरह आपने हमे रास्ता दिखाया. हम
युवा जोश से भरे हुवे आपके पीछे चलते गए.
बेरोजगारी, भ्रष्टाचार , घोटालो से त्रस्त थे हम पर जो चीज़ हमे सबसे जयादा खटक
रहा था वो था हमारा आत्मसम्मान
कुचला जा रहा था. कभी -सेकुलरिज्म के चलते
तो कभी देश की सेना के कमज़ोर आत्मबल और उनके
कटते सिरों के चलते.
हम २ वक़्त भूखे रहने को तैयार थे पर सीमा पर पकिस्तनियों और देश में सेकुलरिज्म के बुरखे तले होते
अत्याचार नहीं सह सकते थे.
पर आज भी हालत वही है..हम जानते है
आपकी प्राथमिकता देश के खजाने को भरना है क्यू
के भूखे पेट भजन भी नहीं होता...पर काम से काम
अपने निकम्मे गृह मंत्री को तो कुछ करने को कहिये..क्या खजाना भरने से लेकर देश
की सुरक्षा सब
प्रधानमंत्री की अकेली जिम्मेदारी है क्या?
गृह मंत्रालय ऐसे -ऐसे कदम उठा रहा है जिन्हे
कहते हुवे भी शर्म आती है..
कत्लखानो को अभी भी सब्सिडी मिल रही है...अमर नाथ यात्रिओ पर जुल्म ढ़ाए जा रहे
हैं..आखिर घाटी में सैन्य बल इतनी कमज़ोर कैसे
हो गयी की २०-३० अलगाववादियोञ ने पूरा कैंप उजर
दिया.
कौन सी दुविधा है जिसने उत्तरप्रदेश में
समाजवादी पार्टी को बर्खास्त होने से अब तक बचा रखा है..
प्रधानमंत्री जी ये फैसले सिर्फ आप ही ले सकते हैं और
इनके लिए देश
का खजाना भरा होना जरूरी नहीं है..
हमे पता है हमने किसी नपुंसक को वोट
नहीं दिया है..हमने वोट बीजेपी को भी नहीं दिया है..हमने वोट नरेंद्र
मोदी को दिया है.
एक बार तो ध्यान दीजिये इन मुद्दो पर..काम से
काम अपने गृह मंत्री के कान तो खींचिए..ये
गृह मंत्रालय नहीं सेकुलरो के हित में फैसला लेने
वाला मंत्रालय बन गया है..|यदि भूल वश कोई अपमानजनक बात लिख
दिया हो तो क्षमा करेंगे. .

5 Basic Of Life

1. एक बार, गांव वालों ने सूखे के हालात देखकर तय किया कि वे
भगवान से बरसात के लिए प्रार्थना करेंगे, प्रार्थना वाले दिन
सभी लोग प्रार्थना के लिए इकट्ठे हुए, लेकिन एक
लड़का छाता लेकर आया.!!!
इसे कहते हैं : विश्वास

2. जब आप एक बच्चे को ऊपर की तरफ उछालते हो, तो वह
हंसता है। क्योंकि, वह जानता है कि आप उसे पकड़ लोगे:
इसे कहते हैं : यकीन

3. हर रात हम बिस्तर पर सोने जाते हैं, यह जाने बगैर कि हम
अगली सुबह जीवित रहेंगे भी कि नहीं और हर रात नई सुबह के
लिए अलार्म भी सैट करते हैं।
इसे कहते हैं उम्मीद:

4. हम आने वाले कल की बड़ी-बड़ी प्लानिंग करते हैं, बावजूद
इसके कि हमें भविष्य का जरा भी ज्ञान नहीं हैं।
इसे कहते हैं: कान्फिडेंस

5. अपने दोस्तों-यारों और परिचितों को उनकी शादी के बाद हम
बीवी के नाम पर रोते-बिलखते और परेशान होते हुए देखते हैं।
हम फिर भी शादी करते हैं....???????
इसे कहते हैं: ओवर कान्फिडेंस :

Joke a part of Life

एक रेलगाड़ी चलते चलते अचानक पटरी से उतरकर आजू-बाजू के खेतों में घुस गई और फिर से वापस पटरी पर आ गई। सारे यात्री डर के मारे सहम गए। अगले ही स्टेशन पर रेलगाड़ी के चालक को पकड़ लिया गया। जाँच अधिकारी ने चालक से
इसका कारन पूछा।

चालक ने बताया कि एक आदमी पटरी पर खड़ा था और मेरे कई बार हार्न बजाने के बावजूद वह पटरी से नहीं हट रहा था।

जाँच अधिकारी ने कहा, "तुम पागल हो क्या ? एक आदमी की जान बचाने के लिए तुमने इतने लोगों की जान खतरे में डाल दी। तुम्हें तो उस आदमी को कुचल देना चाहिए था।"

चालक: वही तो मैं करने जा रहा था लेकिन जैसे ही गाड़ी उसके एक दम नजदीक पहुंची वह कम्बख्त खेतों में इधर उधर भागने लगा।   


-------------------------------------------
Girl to another girl: You are beautiful.
Other girl: Thank you, you are beautiful too.

&

BOY to another boy: You are handsome.
Other boy: Tu Gay to nahi hai na saale?   
------------------------------------------------------------------
भिखारी:-
दादी रोटी दीजिए खाने के
लिए
.
.
दादी:- अभी तैयार नहीं है,
बाद में आना
.
.
भिखारी: 98xxxxxxxx
ये मेरा मोबाइल नंबर है, तैयार
होते ही मिस कॉल कर देना
.......
"भिखारी rocks दादी shocks"
.
.
पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त
.
.
दादी:- अरे मिस कॉल
क्या करना, थोड़ी देर के बाद
जब
रोटी बन जाएगी
तो WhatsApp पर अपलोड कर
दूंगी डाउनलोड करके
खा लेना !!
.
.
"अब दादी rocks
भिखारी shocks" 

लकड़ी का कटोरा

लकड़ी का कटोरा :
एक वृद्ध व्यक्ति अपने बहु – बेटे के
यहाँ शहर रहने गया . उम्र के इस पड़ाव पर
वह अत्यंत कमजोर हो चुका था , उसके हाथ
कांपते थे और दिखाई भी कम देता था .
वो एक छोटे से घर में रहते थे , पूरा परिवार और
उसका चार वर्षीया पोता एक साथ डिनर
टेबल पर खाना खाते थे . लेकिन वृद्ध होने के
कारण उस व्यक्ति को खाने में
बड़ी दिक्कत
होती थी .
कभी मटर के दाने
उसकी चम्मच से निकल कर फर्श पे
बिखर जाते तो कभी हाँथ से दूध
छलक कर मेजपोश पर गिर जाता .
बहु -बेटे एक -दो दिन ये सब सहन करते रहे
पर अब उन्हें अपने पिता की इस
काम से चिढ होने लगी . “ हमें
इनका कुछ करना पड़ेगा ”, लड़के ने कहा . बहु ने
भी हाँ में हाँ मिलाई और
बोली ,” आखिर कब तक हम
इनकी वजह से अपने खाने
का मजा किरकिरा रहेंगे , और हम इस तरह
चीजों का नुक्सान होते हुए
भी नहीं देख सकते .”
अगले दिन जब खाने का वक़्त हुआ तो बेटे ने एक
पुरानी मेज को कमरे के कोने में
लगा दिया , अब बूढ़े
पिता को वहीँ अकेले बैठ कर
अपना भोजन करना था . यहाँ तक
की उनके खाने के
बर्तनों की जगह एक
लकड़ी का कटोरा दे दिया गया था ,
ताकि अब और बर्तन ना टूट -फूट सकें .
बाकी लोग पहले
की तरह ही आराम से
बैठ कर खाते और जब कभी -कभार
उस बुजुर्ग की तरफ देखते
तो उनकी आँखों में आंसू दिखाई देते .
यह देखकर भी बहु-बेटे का मन
नहीं पिघलता ,वो उनकी छोटी से
छोटी गलती पर ढेरों बातें
सुना देते . वहां बैठा बालक भी यह
सब बड़े ध्यान से देखता रहता , और अपने में
मस्त रहता .
एक रात खाने से पहले , उस छोटे बालक को उसके
माता -पिता ने ज़मीन पर बैठ कर कुछ
करते हुए देखा , ”तुम क्या बना रहे हो ?” पिता ने
पूछा ,
बच्चे ने मासूमियत के साथ उत्तर दिया , “ अरे मैं
तो आप लोगों के लिए एक
लकड़ी का कटोरा बना रहा हूँ ,
ताकि जब मैं बड़ा हो जाऊं तो आप लोग इसमें
खा सकें .” ,और वह पुनः अपने काम में लग
गया . पर इस बात का उसके माता -पिता पर बहुत
गहरा असर हुआ ,उनके मुंह से एक
भी शब्द
नहीं निकला और आँखों से आंसू
बहने लगे . वो दोनों बिना बोले
ही समझ चुके थे कि अब उन्हें
क्या करना है . उस रात वो अपने बूढ़े
पिता को वापस डिनर टेबल पर ले आये , और फिर
कभी उनके साथ अभद्र व्यवहार
नहीं किया .

10 Extraordinary Child Prodigies

Kim Ung-Yong: Attended University at age 4, Ph.D at age 15; world's highest IQ

This Korean super-genius was born in 1962 and might just be the smartest guy alive today (he's recognized by the Guinness Book of World Records as having the highest IQ of anyone on the planet). By the age of four he was already able to read in Japanese, Korean, German, and English. At his fifth birthday, he solved complicated differential and integral calculus problems. Later, on Japanese television, he demonstrated his proficiency in Chinese, Spanish, Vietnamese, Tagalog, German, English, Japanese, and Korean. Kim was listed in the Guinness Book of World Records under "Highest IQ"; the book estimated the boy's score at over 210. 

Kim was a guest student of physics at Hanyang University from the age of 3 until he was 6. At the age of 7 he was invited to America by NASA. He finished his university studies, eventually getting a Ph.D. in physics at Colorado State University before he was 15. In 1974, during his university studies, he began his research work at NASA and continued this work until his return to Korea in 1978 where he decided to switch from physics to civil engineering and eventually received a doctorate in that field. Kim was offered the chance to study at the most prestigious universities in Korea, but instead chose to attend a provincial university. As of 2007 he also serves as adjunct faculty at Chungbuk National University. 

2
Gregory Smith: Nominated for a Nobel Peace Prize at age 12

Born in 1990, Gregory Smith could read at age two and had enrolled in university at 10. But “genius” is only one half of the Greg Smith story. When not voraciously learning, this young man travels the globe as a peace and children’s rights activist. 

He is the founder of International Youth Advocates, an organization that promotes principles of peace and understanding among young people throughout the world. He has met with Bill Clinton and Mikhail Gorbachev and spoke in front of the UN. For these and other humanitarian and advocacy efforts, Smith has been nominated four times for a Nobel Peace Prize. His latest achievement? He just got his driver license

3
Akrit Jaswal: The Seven Year-Old Surgeon

Akrit Jaswal is a young Indian who has been called "the world's smartest boy" and it's easy to see why. His IQ is 146 and is considered the smartest person his age in India—a country of more than a billion people. 

Akrit came to public attention when in 2000 he performed his first medical procedure at his family home. He was seven. His patient — a local girl who could not afford a doctor — was eight. Her hand had been burnt in a fire, causing her fingers to close into a tight fist that wouldn't open. Akrit had no formal medical training and no experience of surgery, yet he managed to free her fingers and she was able to use her hand again. 

He focused his phenomenal intelligence on medicine and at the age of twelve he claimed to be on the verge of discovering a cure for cancer. He is now studying for a science degree at Chandigarh College and is the youngest student ever accepted by an Indian University. 

4
Cleopatra Stratan: a 3 year old singer who earns 1000€ per song

Clepotra was born October 6, 2002 in Chisinau, Moldova and is the daughter of Moldovan-Romanian singer, Pavel Stratan. She is the youngest person ever to score commercial success as a singer, with her 2006 album La vârsta de trei ani ("At the age of 3"). She holds the record for being the youngest artist that performed live for two hours in front of a large audience, the highest paid young artist, the youngest artist to receive an MTV award and the youngest artist to score a #1 hit in a country ("Ghita" in Romanian Singles Chart). 


5
Aelita Andre: The 2-year-old artist who showed her paintings in a famous Gallery

The abstract paintings of emerging artist Aelita Andre have people in Australia's art world talking. Aelita is two (the works were painted when she was even younger). 

Aelita got an opportunity to show her paintings when Mark Jamieson, the director of Brunswick Street Gallery in Melbourne's Fitzroy, was asked by a photographer whose work he represented to consider the work of another artist. Jamieson liked what he saw and agreed to include it in a group show. 

Jamieson then started to promote the show, printing glossy invitations and placing ads in the magazines Art Almanac and Art Collector, featuring the abstract work. Only then did he discover a crucial fact about the new artist: Aelita Andre is Kalashnikova's daughter, and was just 22 months old. Jamieson was shocked and embarrassed but decided to proceed with the exhibition anyways. 

6
Saul Aaron Kripke: Invited to apply for a teaching post at Harvard while still in high school

A rabbi's son, Saul Aaron Kripke was born in New York and grew up in Omaha in 1940. By all accounts he was a true prodigy. In the fourth grade he discovered algebra, and by the end of grammar school he had mastered geometry and calculus and taken up philosophy. While still a teenager he wrote a series of papers that eventually transformed the study of modal logic. One of them earned a letter from the math department at Harvard, which hoped he would apply for a job until he wrote back and declined, explaining, "My mother said that I should finish high school and go to college first". After finishing high school, the college he eventually chose was Harvard. 

Kripke was awarded the Schock Prize, philosophy's equivalent of the Nobel. Nowadays, he is thought to be the world's greatest living philosopher. 

7
Michael Kevin Kearney: earned his first degree at age 10 and became a reality show Millionaire

24 year-old Michael Kearney became known as the world's youngest college graduate at the age of 10. In 2008, Kearney earned $1,000,000 on the television game show Who Wants to be a Millionaire

Kearny was born in 1984 and is was known for setting several world records and teaching college at the age of 17. 

He spoke his first words at four months. At the age of six months, he said to his pediatrician "I have a left ear infection" and learned to read at the age of ten months. When Michael was four, he was given diagnostic tests for the Johns Hopkins precocious math program and achieved a perfect score. He finished high school at age 6, enrolled at Santa Rosa Junior College graduating at 10 with an Associate of Science in Geology. He is listed in the Guinness Book as the world's youngest university graduate at the age of 10, receiving a bachelor's degree in anthropology. For a while, he also held the record for the world's youngest postgraduate

But in 2006, he became worldwide famous after reaching the finals on the Mark Burnett/AOL quiz/puzzle game Gold Rush, and became the first $1 million winner in the online reality game. 

8
Fabiano Luigi Caruana: a chess prodigy who became the youngest Grandmaster at age 14

Fabulous Fabiano is a 16-year-old chess Grandmaster and chess prodigy with dual citizenship of Italy and the United States. 

On 2007 Caruana became a Grandmaster at the age of 14 years, 11 months, 20 days - the youngest Grandmaster in the history of both Italy and the United States. In the April 2009 FIDE list, he has an Elo rating of 2649, making him the world's highest ranked player under the age of 18. 

9
Willie Mosconi: played professional Billiards at age 6

William Joseph Mosconi, nicknamed "Mr. Pocket Billiards" was a American professional pocket billiards (pool) player from Philadelphia, Pennsylvania. Willie's father owned a pool hall where he wasn’t allowed to play, but Willie improvised by practicing with small potatoes from his mother's kitchen and an old broomstick. His father soon realized that his son was a child prodigy began advertising challenge matches, and though Willie had to stand on a box in order to reachthe table, he beat experienced players many years his senior. 

In 1919, an exhibition match was arranged between six-year old Willie and the reigning World Champion, Ralph Greenleaf. The hall was packed, and though Greenleaf won that match, Willie played very well launching his career in professional billiards. In 1924, at the tender age of eleven, Willie was the juvenile straight pool champion and was regularly holding trick shot exhibitions. 

Between the years of 1941 and 1957, he won the BCA World Championship of pool an unmatched fifteen times. Mosconi pioneered and employed numerous trick shots, set many records, and helped to popularize the game of billiards. He still holds the officially recognized straight pool high run record of 526 consecutive balls. 

10
Elaina Smith: youngest agony aunt aged 7

Her local radio station gave her the job after she rang and offered advice to a woman caller who had been dumped. Elaina’s tip — go bowling with pals and drink a mug of milk — was so good she got a weekly slot and now advises thousands of adult listeners. The littler adviser tackles problems ranging from how to dump boyfriends and how to cope with relationship breakdown to dealing with smelly brothers. 

When one listener wrote to Elaina asking how to get a man, she replied: "Shake your booty on the dance floor and listen to High School Musical". Another caller asked how to get her man back, Elaina told her: "He's not worth the heartache. Life's too short to be upset with a boy." 

Resource: http://www.oddee.com/item_96629.aspx