भारत का हर नागरिक हिन्दू है

"भारत का हर नागरिक हिन्दू है"
यह वाक्य न जाने कितने कार्यक्रमों में दोहराया गया है अनेक राष्ट्रवादियो द्वारा मेरे द्वारा भी किन्तु मोहन भागवत जी ने जब ये बात कही तो सारा मीडिया और तथाकथित बुद्धिजीव व धर्मनिरपेक्ष लोग पिल पड़े क्युकि भागवत जी बड़ी शख्सियत है उनका विरोध करेंगे तो मीडिया में छाने का मौका मिलेगा और राजनीति चमकाने का भी इसलिए लेकर बैठ गए अपना पुराना राग ये सांप्रदायिक बयान है इत्यादि,
फिर करेंगे मुसलमानो सिक्खो ईसाइयो बौद्धो जैनो को कंफ्यूज हम न कहते थे मोदी के आने के बाद भारत हिन्दू राष्ट्र बन जायेगा और लोग लगेंगे लड़ने दंगा फसाद करने,
"मै पूछता हूँ भारत हिन्दू राष्ट्र कब नहीं था? जो मोदी भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाएंगे "
बारहवीं शताब्दी में हज़रत आमिर खुसरो ने घोषणा की "मै हिन्दवी तोता हूँ और हिन्दवी बोलता हूँ"
उस समय भी भारत से जो लोग हज करने अरब जाते थे उन्हें अरबी लोग अल-हिन्दी कहते थे और आज भी भारतीय हज यात्रियों को अरब के लोग अल-हिन्दी ही कहते है।
भाई मेरे हिंदुत्व हमारी सांस्कृतिक पहचान है हमारे राष्ट्र की पहचान है , "हिन्दू" किसी पूजा पद्धति का पर्याय नहीं "हिन्दू" तो मादरे वतन हिंदुस्तान की औलाद होने का पर्याय है,
हिंदुत्व की जड़ से जुड़ने पर ही बनेगा अखंड भारत नहीं तो ओवैसी, अफज़ल गुरु और टी.आर.एस. की सांसद की तरह जिन्नाह की जायज़ औलादे हमारे पाक वतन हिंदुस्तान को तोड़ने की कोशिश करेंगे पर हम ऐसा हरगिज़ नहीं होने देंगे।
हिंदी हैं हम, हिंदी हैं हम, हिंदी हैं हम
वतन है हिंदुस्तान हमारा
मै हिंदुस्तान में रहता हूँ मादरे वतन हिन्द का लाल हूँ इसलिए
"मै हिन्दू हूँ"

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