एक बार खूब लंबा-तगड़ा एक पहलवान बस में
चढ़ा।
कंडक्टर: भाई साहब, टिकट?
.
पहलवान: हम टिकट नहीं लेते।
.
कंडक्टर डर के मारे कुछ नहीं कर सका।
लेकिन कंडक्टर ने इस बात को दिल पर ले
लिया।
कंडक्टर जिम जाकर खूब मेहनत करने लगा।
.
पहलवान रोज बस में चढ़ता।
.
कंडक्टर रोज पूछता: भाई साहब,
टिकट?
.
पहलवान रोज जवाब देता: हम टिकट
नहीं लेते।
महीने में कंडक्टर पहलवान की तरह
तगड़ा हो गया।
.
पहलवान फिर बस में चढ़ा।
.
कंडक्टर: भाई, टिकट ले ले।
.
पहलवान: हम टिकट नहीं लेते।
.
कंडक्टर छाती चौड़ी करके बोला:
क्यों नहीं लेता तू ?
.
पहलवान: पास बनवा रखा है,
इसीलिए नहीं लेता।
चढ़ा।
कंडक्टर: भाई साहब, टिकट?
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पहलवान: हम टिकट नहीं लेते।
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कंडक्टर डर के मारे कुछ नहीं कर सका।
लेकिन कंडक्टर ने इस बात को दिल पर ले
लिया।
कंडक्टर जिम जाकर खूब मेहनत करने लगा।
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पहलवान रोज बस में चढ़ता।
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कंडक्टर रोज पूछता: भाई साहब,
टिकट?
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पहलवान रोज जवाब देता: हम टिकट
नहीं लेते।
महीने में कंडक्टर पहलवान की तरह
तगड़ा हो गया।
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पहलवान फिर बस में चढ़ा।
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कंडक्टर: भाई, टिकट ले ले।
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पहलवान: हम टिकट नहीं लेते।
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कंडक्टर छाती चौड़ी करके बोला:
क्यों नहीं लेता तू ?
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पहलवान: पास बनवा रखा है,
इसीलिए नहीं लेता।