एक नौजवान ने एक बुजुर्ग से
पूछा :बाबा बताएं जब एक दिन
दुनिया से जाना है तो फिर लोग पैसो के पीछे
क्यों भागते हैं ?.
.
जब जमीन जायदाद जेवर यहीं रह
जाते हैं तो लोग
इनको अपनी जिन्दगी क्यों बनाते हैं ??.
.
जब रिश्ते निभाने
की बारी आती है तो दोस्त
ही दुश्मनी क्यों निभाते
हैं ??.
.
बुजुर्ग ने गौर से तीनों सवाल सुने और
अपनी जेब में हाथ डाला....
.
नौजवान बड़े गौर से सब देख रहा था...फिर
उस बुज़ुर्ग ने
अपनी जेब से माचिस
की डिब्बी निकली....
.
माचिस की डब्बी से तीन
तीलियाँ निकाली.
.
दो तीलियाँ उसने उस लड़के की तरफ
फेंक दी...
एक उसके दायें में और एक बायीं तरफ....
.
और एक तीली को आधा तोड़
कर उपर वाला भाग फेंक दिया...लड़का ये
सब बड़े गौर से देख
रहा था.
.
इसके बाद बाबा ने बची हुई
तीली के नीचे वाले भाग
को नुकीला बनाया...और आसमान
की तरफ देखा....
.
लड़के
की जिज्ञासा बढ़ती जा रही थी...
.
बाबा ने नुकीला हिस्सा अपने मुँह में
डाला और
अपने दांत कुरेदते हुए बोले -.
.
मुझे क्या मालूम उल्लू के पट्ठे...
हा हा हा
दुनिया से जाना है तो फिर लोग पैसो के पीछे
क्यों भागते हैं ?.
.
जब जमीन जायदाद जेवर यहीं रह
जाते हैं तो लोग
इनको अपनी जिन्दगी क्यों बनाते हैं ??.
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जब रिश्ते निभाने
की बारी आती है तो दोस्त
ही दुश्मनी क्यों निभाते
हैं ??.
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बुजुर्ग ने गौर से तीनों सवाल सुने और
अपनी जेब में हाथ डाला....
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नौजवान बड़े गौर से सब देख रहा था...फिर
उस बुज़ुर्ग ने
अपनी जेब से माचिस
की डिब्बी निकली....
.
माचिस की डब्बी से तीन
तीलियाँ निकाली.
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दो तीलियाँ उसने उस लड़के की तरफ
फेंक दी...
एक उसके दायें में और एक बायीं तरफ....
.
और एक तीली को आधा तोड़
कर उपर वाला भाग फेंक दिया...लड़का ये
सब बड़े गौर से देख
रहा था.
.
इसके बाद बाबा ने बची हुई
तीली के नीचे वाले भाग
को नुकीला बनाया...और आसमान
की तरफ देखा....
.
लड़के
की जिज्ञासा बढ़ती जा रही थी...
.
बाबा ने नुकीला हिस्सा अपने मुँह में
डाला और
अपने दांत कुरेदते हुए बोले -.
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मुझे क्या मालूम उल्लू के पट्ठे...
हा हा हा