Corporate Culture

दो वर्ष तक नौकरी करने के बाद एक व्यक्ति को समझ में आया कि इन दो सालों में ना कोई प्रमोशन, ना ट्रांसफ़र, ना कोई तनख्वाह वृद्धि, और कम्पनी इस बारे में कुछ नहीं कर रही है.. उसने फ़ैसला किया कि वह HR मैनेजर से मिलेगा और अपनी बात रखेगा... 
लंच टाईम में वह HR मैनेजर से मिला और उसने अपनी समस्या रखी.. HR मैनेजर बोला, मेरे बच्चे तुमने इस कम्पनी में एक दिनभी काम नहीं किया है... कर्मचारी भौंचक्का हो गया और बोला - ऐसा कैसे.. पिछले दो वर्ष से मैं यहाँ काम कर रहा हूँ.. HR मैनेजर बोला - देखो मैं समझाता हूँ...

मैनेजर - एक साल में कितने दिन होते हैं ?

कर्मचारी - 365 या 366

मैनेजर - एक दिन में कितने घंटे होते हैं ?

कर्मचारी - 24 घंटे

मैनेजर - तुम दिन में कितने घंटे काम करते हो ?

कर्मचारी - सुबह 8.00 से शाम 4.00 तक, मतलब आठ घंटे..

मैनेजर - मतलब दिन का कितना भाग तुम काम करते हो ?

कर्मचारी - (हिसाब लगाता है) 24/8= 3 एक तिहाई भाग

मैनेजर - बहुत बढिया..अब साल भर के 366 दिनों का एक-तिहाई कितना होता है ?

कर्मचारी - (???) 366/3 = 122 दिन..

मैनेजर - तुम "वीक-एण्ड" पर काम करते हो ?

कर्मचारी - नहीं

मैनेजर - साल भर में कितने वीक-एण्ड के दिन होते हैं ?

कर्मचारी - 52 शनिवार और 52 रविवार, कुल 104

मैनेजर - बढिया, अब 122 में से 104 गये तो कितने बचे ?

कर्मचारी - 18 दिन

मैनेजर - एक साल में दो सप्ताह की"सिक लीव" मैं तुम्हें देता हूँ, ठीक ?

कर्मचारी - जी

मैनेजर - 18 में से 14 गये,
तो बचे 4 दिन, ठीक ?

कर्मचारी - जी

मैनेजर - क्या तुम मई दिवस पर काम करते हो ?

कर्मचारी - नहीं..

मैनेजर - क्या तुम 15 अगस्त,26 जनवरी और 2 अक्टूबर को काम करते हो ?

कर्मचारी - नहीं..

मैनेजर - जब तुमने एक दिन भी काम नहीं किया, फ़िर किस बात की शिकायत कर रहे हो भाई

This is Corporate Culture..... .!

भारत का हर नागरिक हिन्दू है

"भारत का हर नागरिक हिन्दू है"
यह वाक्य न जाने कितने कार्यक्रमों में दोहराया गया है अनेक राष्ट्रवादियो द्वारा मेरे द्वारा भी किन्तु मोहन भागवत जी ने जब ये बात कही तो सारा मीडिया और तथाकथित बुद्धिजीव व धर्मनिरपेक्ष लोग पिल पड़े क्युकि भागवत जी बड़ी शख्सियत है उनका विरोध करेंगे तो मीडिया में छाने का मौका मिलेगा और राजनीति चमकाने का भी इसलिए लेकर बैठ गए अपना पुराना राग ये सांप्रदायिक बयान है इत्यादि,
फिर करेंगे मुसलमानो सिक्खो ईसाइयो बौद्धो जैनो को कंफ्यूज हम न कहते थे मोदी के आने के बाद भारत हिन्दू राष्ट्र बन जायेगा और लोग लगेंगे लड़ने दंगा फसाद करने,
"मै पूछता हूँ भारत हिन्दू राष्ट्र कब नहीं था? जो मोदी भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाएंगे "
बारहवीं शताब्दी में हज़रत आमिर खुसरो ने घोषणा की "मै हिन्दवी तोता हूँ और हिन्दवी बोलता हूँ"
उस समय भी भारत से जो लोग हज करने अरब जाते थे उन्हें अरबी लोग अल-हिन्दी कहते थे और आज भी भारतीय हज यात्रियों को अरब के लोग अल-हिन्दी ही कहते है।
भाई मेरे हिंदुत्व हमारी सांस्कृतिक पहचान है हमारे राष्ट्र की पहचान है , "हिन्दू" किसी पूजा पद्धति का पर्याय नहीं "हिन्दू" तो मादरे वतन हिंदुस्तान की औलाद होने का पर्याय है,
हिंदुत्व की जड़ से जुड़ने पर ही बनेगा अखंड भारत नहीं तो ओवैसी, अफज़ल गुरु और टी.आर.एस. की सांसद की तरह जिन्नाह की जायज़ औलादे हमारे पाक वतन हिंदुस्तान को तोड़ने की कोशिश करेंगे पर हम ऐसा हरगिज़ नहीं होने देंगे।
हिंदी हैं हम, हिंदी हैं हम, हिंदी हैं हम
वतन है हिंदुस्तान हमारा
मै हिंदुस्तान में रहता हूँ मादरे वतन हिन्द का लाल हूँ इसलिए
"मै हिन्दू हूँ"