कड़वा सत्य

कलयुग मै ऐ केडा बेटा ?

जीवता:माँ-बाप ने रोटी नही देवे. मरिया पछे सुर्मा लाप्सी जीमा वे।

जीवता:माँ-बाप ने पानी नही पावे.मरिया पछे प्याऊ खोलावे।

जीवता:माँ-बाप सु मुंडे नही बोले.मरिया पछे आसुडा बहावे।

जीवता:माँ-बाप ने तीर्थ नही करावे.मरिया पछे गंगा पुष्कर जावे।

जीवता:माँ-बाप रो इलाज नही करावे.मरिया पछे दवाखाना बंधावे।

जीवता:माँ-बाप ने खर्चो नही देवे.मरिया पछे रुपया उड़ावे।

जीवता:माँ-बाप रो मुड़ो नी देकियो.मरिया पछे रोज फोटु माते हार चडावे।

माँ-बाप तो पुजवा लायक चार धाम है इणोरी बददुआ लेईजो मती इणोरो कदई अपमान मती करजो इणोने दुःख मती देइजो अपोरा कारण माँ-बाप मोत नी बुलावे कारण....जेडो बावोला वेडोइज उगेला।

माँ-बाप री सेवा करजो भाइयो.ओ मार्ग है बडोई तप धारी।

दोस्तो इन नवी पीढ़ी रा संस्कार अगर नही सुधारिया तो वे दिन दुर कोनी-जद जानवरो जेडी पाजरा पोल अपोरे वास्ते खुलेला।

एक आदमी

एक आदमी स्कूटर पर बैठ कर पिक्चर हाल
के सामने संता से पूछ बैठा :-
आदमी :- भाईसाहब , स्कूटर स्टैंड कहाँ है ?
संता :- भाईसाब , पहले आप अपना नाम
बताइये ?
आदमी :- रमेश !
संता :- आपके माता पिता क्या करते हैं ?
आदमी :- क्यों ? वैसे भाईसाब मैं , लेट
हो जाऊंगा और पिक्चर शुरू हो जाएगी !
संता :- तो जल्दी बताओ ??
आदमी :- मेरी माँ , एक डॉक्टर हैं और मेरे
पिता जी इंजीनियर हैं ! अब बता दीजिये ?
संता :- आपके नाम कोई जमीन जायजाद
है ?
आदमी :- हाँ , गांव में एक खेत मेरे नाम है ?
प्लीज़ भाईसाब अब बता दीजिये स्कूटर
का स्टैंड कहाँ है ?
संता :- आखिरी सवाल , तुम पढ़े लिखे हो ?
आदमी :- जी हाँ ! मैं, MBA कर रहा हूँ ! अब
बताइये जल्दी से !
संता :- भाईसाब , देखिये
आपकी पारिवारिक
पृष्ठभूमि इतनी अच्छी है , आपके
माता पिता दोनों उच्च शिक्षित हैं , आप
खुद भी इतने पढ़े लिखे हैं , पर मुझे अफ़सोस
है कि आप इतनी सी बात नहीं जानते
कि स्कूटर का स्टैंड उसके नीचे
लगा होता है , एक मेन और एक साइड वाला !
हा हा हा