एक पहलवान

एक बार खूब लंबा-तगड़ा एक पहलवान बस में
चढ़ा।
कंडक्टर: भाई साहब, टिकट?
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पहलवान: हम टिकट नहीं लेते।
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कंडक्टर डर के मारे कुछ नहीं कर सका।
लेकिन कंडक्टर ने इस बात को दिल पर ले
लिया।
कंडक्टर जिम जाकर खूब मेहनत करने लगा।
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पहलवान रोज बस में चढ़ता।
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कंडक्टर रोज पूछता: भाई साहब,
टिकट?
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पहलवान रोज जवाब देता: हम टिकट
नहीं लेते।
महीने में कंडक्टर पहलवान की तरह
तगड़ा हो गया।
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पहलवान फिर बस में चढ़ा।
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कंडक्टर: भाई, टिकट ले ले।
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पहलवान: हम टिकट नहीं लेते।
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कंडक्टर छाती चौड़ी करके बोला:
क्यों नहीं लेता तू ?
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पहलवान: पास बनवा रखा है,
इसीलिए नहीं लेता।   

डॉक्टर साहब

एक डॉक्टर साहब एक पार्टी में गए।

अपने बीच शहर के एक प्रतिष्ठित डॉक्टर
को पाकर लोगों ने उन्हें घेर लिया।
किसी को जुकाम था तो किसी के पेट में गैस,
इसीलिए सभी मुफ्त की राय लेने के चक्कर
में डॉक्टर के पास पहुंच गए।

शिष्टाचारवश डॉक्टर साहब
किसी को मना नहीं कर पा रहे थे।

उसी पार्टी में शहर के एक नामी वकील
भी आए हुए थे, मौका मिलते ही डॉक्टर
साहब वकील साहब के पास पहुंचे और
उन्हें एक ओर ले जाकर बोले, यार! मैं
तो परेशान हो गया हूं, सभी फ्री में इलाज
कराने के चक्कर में हैं, तुम्हें भी ऐसे लोग
मिलते हैं क्या?

वकील- बहुत मिलते हैं।

डॉक्टर- तो फिर उनसे कैसे निपटते हो?

वकील- बिलकुल सीधा तरीका है, मैं उन्हें
सलाह देता हूं जैसा कि वो चाहते हैं, बाद में
उनके घर बिल भिजवा देता हूं।

यह बात डॉक्टर साहब को कुछ जम गई,
अगले रोज उन्होंने भी पार्टी में मिले कुछ
लोगों के नाम बिल बनाए और उन्हें
भिजवाने ही वाले थे कि तभी उनका नौकर
अन्दर आया और बोला, साहब, कोई आपसे
मिलना चाहता है।

डॉक्टर- कौन है?

नौकर- वकील साहब का चपरासी है,
कहता है कल रात पार्टी में आपने वकील
साहब से जो राय ली थी उसका बिल लाया है