आदरणीय PM Narendra Modi Ji जब देश कांग्रेस के हाथो बिक रहा था और हम सभी ये मान बैठे थे की अब कुछ नहीं हो सकता. उस समय आपने हममे एक नए आशा का संचार किया.
किसी सूर्य की तरह आपने हमे रास्ता दिखाया. हम
युवा जोश से भरे हुवे आपके पीछे चलते गए.
बेरोजगारी, भ्रष्टाचार , घोटालो से त्रस्त थे हम पर जो चीज़ हमे सबसे जयादा खटक
रहा था वो था हमारा आत्मसम्मान
कुचला जा रहा था. कभी -सेकुलरिज्म के चलते
तो कभी देश की सेना के कमज़ोर आत्मबल और उनके
कटते सिरों के चलते.
हम २ वक़्त भूखे रहने को तैयार थे पर सीमा पर पकिस्तनियों और देश में सेकुलरिज्म के बुरखे तले होते
अत्याचार नहीं सह सकते थे.
पर आज भी हालत वही है..हम जानते है
आपकी प्राथमिकता देश के खजाने को भरना है क्यू
के भूखे पेट भजन भी नहीं होता...पर काम से काम
अपने निकम्मे गृह मंत्री को तो कुछ करने को कहिये..क्या खजाना भरने से लेकर देश
की सुरक्षा सब
प्रधानमंत्री की अकेली जिम्मेदारी है क्या?
गृह मंत्रालय ऐसे -ऐसे कदम उठा रहा है जिन्हे
कहते हुवे भी शर्म आती है..
कत्लखानो को अभी भी सब्सिडी मिल रही है...अमर नाथ यात्रिओ पर जुल्म ढ़ाए जा रहे
हैं..आखिर घाटी में सैन्य बल इतनी कमज़ोर कैसे
हो गयी की २०-३० अलगाववादियोञ ने पूरा कैंप उजर
दिया.
कौन सी दुविधा है जिसने उत्तरप्रदेश में
समाजवादी पार्टी को बर्खास्त होने से अब तक बचा रखा है..
प्रधानमंत्री जी ये फैसले सिर्फ आप ही ले सकते हैं और
इनके लिए देश
का खजाना भरा होना जरूरी नहीं है..
हमे पता है हमने किसी नपुंसक को वोट
नहीं दिया है..हमने वोट बीजेपी को भी नहीं दिया है..हमने वोट नरेंद्र
मोदी को दिया है.
एक बार तो ध्यान दीजिये इन मुद्दो पर..काम से
काम अपने गृह मंत्री के कान तो खींचिए..ये
गृह मंत्रालय नहीं सेकुलरो के हित में फैसला लेने
वाला मंत्रालय बन गया है..|यदि भूल वश कोई अपमानजनक बात लिख
दिया हो तो क्षमा करेंगे. .
किसी सूर्य की तरह आपने हमे रास्ता दिखाया. हम
युवा जोश से भरे हुवे आपके पीछे चलते गए.
बेरोजगारी, भ्रष्टाचार , घोटालो से त्रस्त थे हम पर जो चीज़ हमे सबसे जयादा खटक
रहा था वो था हमारा आत्मसम्मान
कुचला जा रहा था. कभी -सेकुलरिज्म के चलते
तो कभी देश की सेना के कमज़ोर आत्मबल और उनके
कटते सिरों के चलते.
हम २ वक़्त भूखे रहने को तैयार थे पर सीमा पर पकिस्तनियों और देश में सेकुलरिज्म के बुरखे तले होते
अत्याचार नहीं सह सकते थे.
पर आज भी हालत वही है..हम जानते है
आपकी प्राथमिकता देश के खजाने को भरना है क्यू
के भूखे पेट भजन भी नहीं होता...पर काम से काम
अपने निकम्मे गृह मंत्री को तो कुछ करने को कहिये..क्या खजाना भरने से लेकर देश
की सुरक्षा सब
प्रधानमंत्री की अकेली जिम्मेदारी है क्या?
गृह मंत्रालय ऐसे -ऐसे कदम उठा रहा है जिन्हे
कहते हुवे भी शर्म आती है..
कत्लखानो को अभी भी सब्सिडी मिल रही है...अमर नाथ यात्रिओ पर जुल्म ढ़ाए जा रहे
हैं..आखिर घाटी में सैन्य बल इतनी कमज़ोर कैसे
हो गयी की २०-३० अलगाववादियोञ ने पूरा कैंप उजर
दिया.
कौन सी दुविधा है जिसने उत्तरप्रदेश में
समाजवादी पार्टी को बर्खास्त होने से अब तक बचा रखा है..
प्रधानमंत्री जी ये फैसले सिर्फ आप ही ले सकते हैं और
इनके लिए देश
का खजाना भरा होना जरूरी नहीं है..
हमे पता है हमने किसी नपुंसक को वोट
नहीं दिया है..हमने वोट बीजेपी को भी नहीं दिया है..हमने वोट नरेंद्र
मोदी को दिया है.
एक बार तो ध्यान दीजिये इन मुद्दो पर..काम से
काम अपने गृह मंत्री के कान तो खींचिए..ये
गृह मंत्रालय नहीं सेकुलरो के हित में फैसला लेने
वाला मंत्रालय बन गया है..|यदि भूल वश कोई अपमानजनक बात लिख
दिया हो तो क्षमा करेंगे. .